Not known Factual Statements About sidh kunjika
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
मां भगवती के इस पाठ को करने की विधि है उसका पालन जरूर करें. आइए जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल website हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
On chanting generally, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we listen, and the greater we attune ourselves towards the vibration of what is being claimed, then the more We're going to inculcate that Perspective. Our intention amplifies the attitude.”
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।